शेयर मार्केट में नुकसान कैसे होता हैं ?ये हैं 8 वजह ज़ाने

शेयर मार्केट का नाम सुनते ही हमारे मन में निवेश, लाभ और बढ़ोतरी जैसी सकारात्मक छवियाँ आती हैं, लेकिन असलियत में शेयर मार्केट में निवेश करना उतना ही जोखिमपूर्ण हो सकता है। खासकर, जब हमें यह समझ नहीं होता कि शेयर मार्केट में नुकसान कैसे होता है। भारत में शेयर मार्केट का इतिहास लंबा और विविधताओं से भरा हुआ है, और यहां निवेश करते समय होने वाली वित्तीय कठिनाइयों या नुकसान को समझना बहुत जरूरी है। इस लेख में हम यह समझेंगे कि शेयर मार्केट में नुकसान कैसे होता है, खासकर भारत के संदर्भ में, और शुरुआती निवेशकों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।

1. शेयर मार्केट क्या है?

शेयर मार्केट में नुकसान कैसे होता हैं
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शेयर मार्केट एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहाँ कंपनियों के शेयर (stocks) खरीदे और बेचे जाते हैं। जब कोई निवेशक किसी कंपनी का शेयर खरीदता है, तो वह उस कंपनी में एक छोटा सा हिस्सा खरीदता है। इसके माध्यम से निवेशक कंपनियों के प्रदर्शन के अनुसार मुनाफा (profit) या नुकसान (loss) उठाते हैं।

2. शेयर मार्केट में नुकसान कैसे होता है?

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शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त नुकसान का सामना करना किसी भी निवेशक के लिए आम बात है। नुकसान होने के कारण बहुत विविध होते हैं, और यही कारण है कि निवेशक को समझदारी से निवेश करना चाहिए। 

निम्नलिखित बिंदुओं में हम समझेंगे कि भारत में शेयर बाजार में नुकसान कैसे होता है:-

a. बाजार की अस्थिरता (Market Volatility):-

शेयर मार्केट में कीमतें हमेशा स्थिर नहीं रहतीं। भारत के शेयर बाजार में बहुत बार तीव्र उतार-चढ़ाव देखा जाता है। इन अस्थिर परिस्थितियों में शेयर की कीमतें अप्रत्याशित तरीके से घट सकती हैं, जिससे निवेशकों को नुकसान होता है। उदाहरण के लिए, वैश्विक आर्थिक संकट या देश के राजनीतिक अस्थिरता के कारण भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है।

b. कंपनी के प्रदर्शन में गिरावट (Poor Company Performance):-

यदि जिस कंपनी के शेयर आपने खरीदे हैं, उसका प्रदर्शन खराब होता है, तो उस कंपनी के शेयर की कीमत गिरने लगती है। इस प्रकार, कंपनी की वित्तीय स्थिति, मुनाफा, और प्रबंधन की कार्यकुशलता का असर सीधा शेयर की कीमत पर पड़ता है। इसके कारण निवेशकों को नुकसान हो सकता है।

c. गलत निवेश निर्णय (Wrong Investment Decisions):-

निवेश के दौरान अक्सर शुरुआती निवेशक दूसरों की सलाह पर बिना पूरी जानकारी के निवेश करते हैं। बिना उचित रिसर्च के किसी कंपनी के शेयर खरीदना या सिर्फ लोकप्रियता के आधार पर निवेश करना, एक सामान्य गलती है जो नुकसान का कारण बन सकती है।

d. विदेशी निवेशकों का प्रभाव (Impact of Foreign Investors):-

भारत के शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों का बहुत बड़ा हाथ है। जब विदेशी निवेशक अपने निवेशों को वापस खींचते हैं या उन निवेशों को कम करते हैं, तो भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है। इससे स्थानीय निवेशकों को भी नुकसान होता है।

e. पैनिक सेलिंग (Panic Selling):-

जब शेयर बाजार में गिरावट आती है, तो कई बार निवेशक घबराहट में आकर अपने शेयर बेच देते हैं। यह पैनिक सेलिंग (Panic Selling) नुकसान का कारण बन सकती है क्योंकि इससे शेयर की कीमत और गिर जाती है, और निवेशक अधिक नुकसान उठाते हैं।

f. आर्थिक और राजनीतिक घटनाएँ (Economic and Political Events):-

भारत में किसी भी प्रकार की आर्थिक या राजनीतिक अनिश्चितता जैसे चुनाव, नीति परिवर्तन, या बजट घोषणाओं के बाद शेयर बाजार पर असर पड़ता है। यदि इन घटनाओं के बाद निवेशकों को नकारात्मक संकेत मिलते हैं, तो वे अपने शेयर बेच सकते हैं, जिससे बाजार में गिरावट होती है और निवेशक नुकसान उठाते हैं।

g. अतिवादी निवेश (Overleveraged Investment):-

कुछ निवेशक शेयर बाजार में बहुत ज्यादा उधारी (borrowed money) से निवेश करते हैं। इसे “मार्जिन ट्रेडिंग” कहा जाता है। यदि बाजार में गिरावट आती है, तो इन निवेशकों को भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि उन्हें उधार लिया गया पैसा चुकता करना होता है, भले ही उनके शेयर की कीमत घट चुकी हो।

h. अत्यधिक शुल्क (Excessive Charges):-

भारत में कुछ ब्रोकरेज फर्मों द्वारा लिए जाने वाले उच्च शुल्क भी नुकसान का कारण बन सकते हैं। ट्रेडिंग पर ब्रोकरेज शुल्क, स्टाम्प ड्यूटी, और अन्य शुल्क के कारण निवेशक का कुल लाभ घट सकता है। खासकर छोटे निवेशकों के लिए यह एक बड़ा जोखिम हो सकता है।

3. शेयर मार्केट में नुकसान से बचने के उपाय

शेयर मार्केट में नुकसान कैसे होता हैं ?ये हैं 8 वजह ज़ाने
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हालांकि शेयर बाजार में नुकसान होना एक सामान्य बात है, लेकिन कुछ सावधानियों के माध्यम से इसे कम किया जा सकता है। निम्नलिखित उपायों पर ध्यान केंद्रित करना बहुत महत्वपूर्ण है:-

a. अच्छे रिसर्च और विश्लेषण के साथ निवेश करें:-

शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले अच्छे से रिसर्च करें। आपको उस कंपनी के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए, जिसमें आप निवेश कर रहे हैं। कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन, भविष्य की योजनाएँ, प्रबंधन, और समग्र बाजार की स्थिति का अध्ययन करें। इसके लिए आप फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस का सहारा ले सकते हैं।

b. डाइवर्सिफिकेशन (Diversification):-

किसी एक कंपनी के शेयरों में निवेश करने से ज्यादा अच्छा है कि आप अपनी पूंजी को विभिन्न क्षेत्रों और कंपनियों में बांटें। इससे यदि एक कंपनी के शेयर में गिरावट आती है, तो अन्य निवेशों से नुकसान की भरपाई हो सकती है।

c. लॉन्ग-टर्म निवेश दृष्टिकोण (Long-Term Investment Approach):-

शेयर मार्केट में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से बचने के लिए लॉन्ग-टर्म निवेश रणनीति अपनाना अच्छा रहता है। यह दृष्टिकोण आपको बाजार के उतार-चढ़ाव से बचने और अपने निवेश पर अच्छे रिटर्न पाने का मौका देता है।

d. मनी मैनेजमेंट (Money Management):-

अपने निवेश की राशि को इस तरह से प्रबंधित करें कि यदि कोई नुकसान होता है, तो आपकी कुल पूंजी पर इसका बहुत बड़ा असर न पड़े। रिस्क को समझते हुए, निवेश की मात्रा को सीमित रखें।

e. विशेषज्ञों से सलाह लें:-

यदि आप शेयर मार्केट में नए हैं, तो किसी वित्तीय सलाहकार या एक्सपर्ट से मार्गदर्शन लेना बहुत लाभकारी हो सकता है। वे आपको निवेश के सही तरीके और जोखिमों के बारे में बेहतर जानकारी दे सकते हैं।

4. निष्कर्ष

शेयर मार्केट में नुकसान होना आम बात है, और यह कई कारणों से हो सकता है। हालांकि, सही जानकारी और समझदारी से किया गया निवेश इसे कम कर सकता है। भारत में शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव, आर्थिक और राजनीतिक कारकों, और अन्य जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को हमेशा अपने फैसलों पर पूरी तरह से विचार करना चाहिए। किसी भी प्रकार के निवेश से पहले पर्याप्त शोध और मनी मैनेजमेंट करना जरूरी है। यदि आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं, तो अपने जोखिम सहने की क्षमता और दीर्घकालिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए कदम बढ़ाएं, ताकि नुकसान के बजाय आप अधिक लाभ उठा सकें।

5.FAQs :-

1. शेयर बाजार में लोग फेल क्यों होते हैं?

शेयर बाजार में लोग अक्सर असफल होते हैं क्योंकि वे सही जानकारी के बिना निवेश करते हैं, अतिवादी जोखिम उठाते हैं, और बाजार की अस्थिरता को समझने में चूक जाते हैं। पैनिक सेलिंग, गलत निर्णय, और पर्याप्त रिसर्च की कमी भी असफलता के मुख्य कारण होते हैं।

2. शेयर बाजार में कितने लोगों का पैसा डूब जाता है?

शेयर बाजार में हर साल कई निवेशकों का पैसा डूब जाता है, खासकर उन लोगों का जो बिना पर्याप्त रिसर्च या अनुभव के निवेश करते हैं। अनुमान है कि करीब 70-80% छोटे निवेशक अपनी पूंजी का बड़ा हिस्सा गंवा देते हैं, क्योंकि वे जोखिमों का सही से मूल्यांकन नहीं करते।

3. शेयर बाजार में कितने लोग सफल होते हैं?

शेयर बाजार में सफल होने वाले निवेशकों की संख्या कम होती है। अनुमान के मुताबिक, केवल 10-20% निवेशक ही नियमित रूप से अच्छा मुनाफा कमाते हैं। सफलता का निर्धारण सही रणनीति, बाजार की समझ, दीर्घकालिक निवेश और धैर्य पर निर्भर करता है।

4. शेयर मार्केट क्रैश होने पर पैसा कहां जाता है?

शेयर बाजार क्रैश होने पर निवेशकों का पैसा सीधे तौर पर खत्म नहीं होता, बल्कि यह शेयरों की कीमतों में गिरावट के रूप में गायब हो जाता है। जो निवेशक अपने शेयर बेच देते हैं, उनका पैसा उन खरीदारों के पास चला जाता है जो गिरावट के दौरान निवेश करते हैं।

5. सरकारी शेयर कौन सा है?

सरकारी शेयर वे शेयर होते हैं, जो सरकार द्वारा संचालित कंपनियों में होते हैं। भारत में प्रमुख सरकारी कंपनियों के शेयरों में भारत पेट्रोलियम (BPCL), सिडबी (SIDBI), ओएनजीसी (ONGC), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), और रेलटेल (Railtel) जैसे नाम शामिल हैं। ये शेयर सरकार के स्वामित्व में होते हैं।

6. शेयर बाजार गिरने का कारण क्या है?

शेयर बाजार गिरने के कारण कई हो सकते हैं, जैसे आर्थिक मंदी, राजनीतिक अस्थिरता, वैश्विक संकट, बढ़ती महंगाई, उच्च ब्याज दरें, और निवेशकों का आत्मविश्वास खोना। बाजार में अत्यधिक बिकवाली, कंपनी की खराब वित्तीय स्थिति या अन्य नकारात्मक घटनाएँ भी गिरावट का कारण बन सकती हैं।

7. शेयर बाजार में कितने लोगों का पैसा डूब जाता है?

शेयर बाजार में कई निवेशक अपना पैसा खो बैठते हैं, खासकर उन लोगों का जो बिना उचित जानकारी के निवेश करते हैं। अनुमान है कि लगभग 70-80% छोटे निवेशक अपनी पूंजी का एक बड़ा हिस्सा गंवाते हैं, क्योंकि वे बाजार की अस्थिरता, जोखिम, और सही निवेश रणनीतियों को समझने में चूक जाते हैं।

8. शेयर मार्केट में कितना टैक्स कटता है?

शेयर बाजार में निवेश से होने वाले लाभ पर टैक्स की दरें दो प्रकार की होती हैं। लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर 10% टैक्स लगता है, अगर लाभ ₹1 लाख से अधिक हो। शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) पर 15% टैक्स लगाया जाता है, जब शेयर 1 साल से कम समय में बेचे जाते हैं। इसके अलावा, डिविडेंड पर भी 10% टैक्स कटता है।

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