भोजपुरी लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 वर्ष की आयु में निधन जाने इनके लोकप्रियता के बारे में

संक्षेप में 

  • जन्म – 1 Oct 1952 (बिहार ,सुपौल जिला )
  • पुरस्कार –पद्म पुरस्कार और पद्म भूषण
  • मृत्यु – 05 Nov 2024 
  • बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

भोजपुरी लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 वर्ष की आयु में निधन जाने इनके लोकप्रियता के बारे में
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जाने विस्तार से 

बिहार की स्वर कोकिला के नाम से मशहूर सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का बीमारी के चलते निधन हो गया. शारदा सिन्हा को पूरी दुनिया में उनकी सुरीली आवाज और खासतौर पर उनके छठ गीतों के लिए जाना जाता है. पिछले कुछ समय से उनकी सेहत काफी नाजुक थी. एम्स दिल्ली में उनका इलाज चल रहा था. हाल ही में उनके बेटे ने जानकारी दी है कि उनकी स्थिति काफी गंभीर है और आज उनकी मौत की खबर ने बिहार समेत पूरे देशवासियों को हिलाकर रख दिया.

दिल्ली के एम्स में शारदा सिन्हा ने लि आखिरी सांस 

भोजपुरी लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 वर्ष की आयु में निधन जाने इनके लोकप्रियता के बारे में
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बिहार की सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा ने मंगलवार को दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली. 72 वर्षीय शारदा सिन्हा की तबीयत पिछले महीने ही बिगड़ गयी थी. जिसके बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती किया गया था. आइसीयू में उनका इलाज चल रहा था. लेकिन इलाज के बाद उनकी तबीयत स्थिर हुई तो प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था. जिसके बाद परिवार समेत उन तमाम लोगों ने राहत की सांस ली थी जिनकी नजरें शारदा सिन्हा के हेल्थ अपडेट पर ही टिकी हुई थी.

इधर, 4 नवंबर सोमवार को शाम में शारदा सिन्हा की तबीयत अचानक फिर बिगड़ गयी. जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ गया था. उनके पुत्र अंशुमन लगातार हेल्थ अपडेट दे रहे थे. सोशल मीडिया पर आकर उन्होंने जानकारी दी थी कि इंफेक्शन की वजह से मां की तबीयत अधिक बिगड़ गयी और वेंटिलेटर पर उन्हें देना पड़ा. उनकी आंखें बंद हैं और अचेत अवस्था में हैं. जबकि सोमवार की सुबह जब उनके पुत्र अंशुमन ने अपनी मां से कुछ बात करने की कोशिश की तो शारदा सिन्हा की आंखों की पुतली में बेहद हल्की सी हरकत महसूस की गयी थी.

शारदा सिन्हा के निधन पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने दुख जताते हुए लिखा, ‘छठ महापर्व को अपनी मधुर आवाज़ से सजाने वाली, हमारी संस्कृति की मर्मस्पर्शी गायिका, शारदा सिन्हा जी अब हमारे बीच नहीं रहीं. उनका योगदान हमारी लोक संस्कृति के लिए अमूल्य है, उनकी आवाज़ हर आस्था और हर पर्व में सजीव रहेगी. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को इस कठिन समय में सहनशक्ति प्रदान करे। शारदा जी, आपकी यादें और गीत हमारे दिलों में हमेशा रहेंगे. श्रद्धांजलि.’

बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने निधन पर शोक जताते हुए लिखा, ‘छठ महापर्व को सुरीले गीतों से सजाने वाली, बिहार को कला के क्षेत्र में नई पहचान देने वाली शारदा सिन्हा जी के स्वर अब शांत हो गए. दिल्ली स्थित एम्स में उन्होंने आखिरी सांस ली। गंभीर बीमार होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पद्म श्री, पद्म भूषण, स्वर कोकिला को छठी मईया अपने चरणों में शरण दें, यही प्रार्थना है। दुख की इस घड़ी में छठी माई उनके परिवार को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति, शांति, शांति!’

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ ने निधन पर गहरा शोक जताते हुए कहा, ‘शारदा सिन्हा जी के निधन से मुझे अत्यंत दुख हुआ है. वे एक बहुमुखी प्रतिभा की धनी लोक गायिका थीं जिन्होंने भोजपुरी भाषा को जन-जन के बीच लोकप्रिय बनाया. उनके गीतों को लोग लंबे समय तक याद रखेंगे. उनके निधन से लोक संगीत की दुनिया ने एक प्रभावी स्वर खो दिया है. दुःख की इस घड़ी में मैं उनके शोकाकुल परिवार एवं प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. ॐ शान्ति!’

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शोक जताते हुए कहा  की ,बिहार कोकिला के रूप में प्रसिद्ध गायिका डॉक्टर शारदा सिन्हा जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। बिहारी लोक गीतों को मैथिली और भोजपुरी में अपनी मधुर आवाज़ देकर शारदा सिन्हा जी ने संगीत जगत में अपार लोकप्रियता पायी। आज छठ पूजा के दिन उनके मधुर गीत देश-विदेश में भक्ति का अलौकिक वातावरण बना रहे होंगे। उन्हें वर्ष 2018 में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। उनका सुमधुर गायन अमर रहेगा। मैं उनके परिवारजन एवं प्रशंसकों के प्रति गहन शोक-संवेदना व्यक्त करती हूं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र  मोदी ने भी शोक जतात्ते ही कहा , सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!

हाल ही में हुई थी इनके पति का निधन 

दिग्गज लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर मालिनी अवस्थी भावुक हुईं. उन्होंने कहा- ‘जब से उनके पति का निधन हुआ था तब से शारदा जी का मन टूट सा गया था.’

जाने इनके शिक्षा के बारे में 

शारदा सिन्हा जी ने बीएड का कोर्स किया है. उन्होंने संगीत में पीएचडी की भी डिग्री हासिल की है. शारदा सिन्हा ने मगध महिला कॉलेज, प्रयाग संगीत समिति और ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई कंप्लीट की थी.

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