Intraday trading के नियम | Intraday trading Top 8 rules in Hindi

Intraday trading, जिसे Day trading भी कहा जाता है, एक ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है जिसमें निवेशक और ट्रेडर दिन के दौरान वित्तीय उपकरणों (जैसे स्टॉक्स, फॉरेक्स, कमोडिटी) की खरीद और बिक्री करते हैं, और सभी लेन-देन उसी दिन के भीतर समापन हो जाते हैं। इस ट्रेडिंग में किसी भी स्थिति को रातों-रात होल्ड नहीं किया जाता है, यानी सभी ट्रेड्स को दिन के अंत तक बंद कर दिया जाता है। Intraday trading में सफलता पाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों और रणनीतियों का पालन करना आवश्यक है।

यहाँ पर इंट्राडे ट्रेडिंग के कुछ प्रमुख नियम दिए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप इस व्यापार में सफलता प्राप्त कर सकते हैं:-

1. मार्केट के ट्रेंड को समझना

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Intraday trading में सबसे महत्वपूर्ण नियम है बाजार के ट्रेंड को समझना। मार्केट का ट्रेंड यह निर्धारित करता है कि किसी स्टॉक या अन्य वित्तीय साधन की कीमत बढ़ने वाली है या गिरने वाली है। आपको पहले यह समझना होगा कि बाजार बुलिश (बढ़ते हुए) है या बियरिश (घटते हुए) है। ट्रेंड को पहचानने के लिए आप विभिन्न चार्ट्स और तकनीकी संकेतकों का उपयोग कर सकते हैं।

ट्रेंड के प्रकार:-

  • बुलिश ट्रेंड (Uptrend) – जब बाजार ऊपर की ओर जा रहा हो।
  • बियरिश ट्रेंड (Downtrend) – जब बाजार नीचे की ओर जा रहा हो।
  • साइडवेज ट्रेंड (Sideways) – जब बाजार स्थिर हो, यानी न तो ऊपर जा रहा हो और न ही नीचे।

आपको इस ट्रेंड का पालन करते हुए ट्रेड करना चाहिए, क्योंकि ट्रेंड के खिलाफ ट्रेडिंग जोखिम भरी हो सकती है।

2. तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) का उपयोग

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Intraday trading में तकनीकी विश्लेषण एक आवश्यक कौशल है। इसमें चार्ट, इंडिकेटर और पैटर्न्स का इस्तेमाल करके भविष्य के मूल्य आंदोलनों का अनुमान लगाने की कोशिश की जाती है। कुछ प्रमुख तकनीकी संकेतक जो इंट्राडे ट्रेडिंग में उपयोगी हो सकते हैं:

  • RSI (Relative Strength Index): यह एक ओवरबॉट (Overbought) या ओवर्सोल्ड (Oversold) कंडीशन को दिखाता है।
  • MACD (Moving Average Convergence Divergence): यह ट्रेंड की दिशा और पल्स को दिखाता है।
  • Moving Averages (SMA, EMA): यह कीमतों के औसत से संबंधित होते हैं, और ट्रेंड की दिशा का संकेत देते हैं।
  • Bollinger Bands: यह ट्रेंड के उतार-चढ़ाव को मापते हैं।

आपको इन संकेतकों के साथ-साथ चार्ट पैटर्न (जैसे हेड एंड शोल्डर, डबल टॉप, डबल बॉटम) को भी समझना होगा।

3. सही स्टॉक्स का चुनाव करें

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Intraday trading के लिए उन स्टॉक्स का चयन करना महत्वपूर्ण है जो उच्च वोलैटिलिटी (Price Volatility) और ट्रेडिंग वॉल्यूम (Trading Volume) रखते हैं। वोलैटिलिटी से तात्पर्य है कि स्टॉक की कीमत में उतार-चढ़ाव अधिक है, जिससे आप अच्छे मुनाफे के मौके पा सकते हैं। उच्च वॉल्यूम वाले स्टॉक्स में ज्यादा ट्रेडिंग एक्टिविटी होती है, जिससे तरलता (Liquidity) बनी रहती है और आपको प्रवेश और निकासी में कोई समस्या नहीं होती।

4. स्टॉप लॉस और टारगेट का निर्धारण करें

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स्टॉप लॉस (Stop Loss) और टारगेट (Target) का सही निर्धारण आपको नुकसान से बचाने और मुनाफा प्राप्त करने में मदद करता है। स्टॉप लॉस एक सुरक्षा उपाय है, जो यह सुनिश्चित करता है कि यदि स्टॉक की कीमत आपकी उम्मीद के विपरीत चली जाए तो आपका नुकसान सीमित हो। आपको हर ट्रेड के लिए स्टॉप लॉस सेट करना चाहिए ताकि अचानक कीमत में बदलाव से बड़ा नुकसान न हो।

टारगेट का निर्धारण करते समय, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपका लाभ और जोखिम अनुपात (Risk-Reward Ratio) संतुलित हो। सामान्यतः, जोखिम-लाभ अनुपात 1:2 होना चाहिए, मतलब अगर आपका स्टॉप लॉस 10 प्वाइंट्स है, तो टारगेट कम से कम 20 प्वाइंट्स होना चाहिए।

5. समान्य मनोविज्ञान (Psychology) और अनुशासन (Discipline) बनाए रखें

Intraday trading में मनोविज्ञान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ट्रेंड और कीमतों की चाल के साथ भावनाओं का नियंत्रण जरूरी है। अगर आप गुस्से, डर या लालच के आधार पर ट्रेड करेंगे, तो यह आपके नुकसान का कारण बन सकता है।

आपको हमेशा अनुशासन बनाए रखना चाहिए, और बिना किसी लापरवाही के अपने निर्धारित स्टॉप लॉस और टारगेट के अनुसार ही ट्रेड करना चाहिए।

6. व्यापार करने का समय समझें

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इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बाजार के समय का सही चयन करना भी महत्वपूर्ण है। भारतीय शेयर बाजार (NSE, BSE) का समय सुबह 9:15 बजे से शाम 3:30 बजे तक होता है, लेकिन दिन के कुछ खास समय जैसे बाजार के खुलने के पहले घंटे (9:15 AM से 10:15 AM) और बंद होने के करीब समय (3:00 PM से 3:30 PM) में अधिक वोलैटिलिटी होती है, जो Intraday trading के लिए लाभकारी हो सकती है।

7. कैश और मार्जिन ट्रेडिंग में अंतर जानें

Intraday trading में, कैश और मार्जिन दोनों प्रकार के ट्रेडिंग का चुनाव किया जा सकता है। कैश ट्रेडिंग में आपको पूरे पैसे का भुगतान करना पड़ता है, जबकि मार्जिन ट्रेडिंग में आप अपनी कुल निवेश राशि का एक हिस्सा (मार्जिन) उधार लेकर ट्रेड कर सकते हैं। मार्जिन ट्रेडिंग से ज्यादा मुनाफा तो हो सकता है, लेकिन यह ज्यादा जोखिम भी पैदा करता है। इसलिए, यदि आप एक शुरुआत कर रहे हैं तो कैश ट्रेडिंग से शुरुआत करना बेहतर हो सकता है।

8. समझदारी से पैसा निवेश करें

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Intrtaday trading में हमेशा यही सलाह दी जाती है कि आप केवल वही पैसा निवेश करें, जिसे आप खोने का जोखिम उठा सकते हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक है, और कभी भी भविष्य का अनुमान पूरी तरह से नहीं लगाया जा सकता है। इसलिए अपने निवेश की मात्रा और जोखिम को समझदारी से तय करें।

निष्कर्ष:-

Intraday trading एक आकर्षक तरीका हो सकता है यदि आप इसे सही तरीके से करें। तकनीकी विश्लेषण, बाजार के ट्रेंड को समझना, सही स्टॉक्स का चुनाव, जोखिम-लाभ अनुपात का ध्यान रखना, और मानसिक अनुशासन का पालन करके आप इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, इसमें जोखिम है, इसलिए शुरुआत में छोटे निवेश से शुरुआत करना और समय के साथ अनुभव हासिल करना सबसे अच्छा तरीका है।

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Ankit Kumar

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