बिहार, भारतीय उपमहाद्वीप का एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। यहाँ की ऐतिहासिक धरोहर और धार्मिक स्थल इसे भारतीय पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान प्रदान करते हैं। यहां कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है, जो बिहार की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को उजागर करते हैं।
1. बोधगया (Bodh Gaya)

इतिहास और विवरण:-
बोधगया, बिहार का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति का स्थल है। यह वह स्थान है जहाँ भगवान बुद्ध ने बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान लगाकर ‘बुद्धत्व’ की प्राप्ति की थी। बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है, बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल है। महाबोधि मंदिर के अलावा, बोधगया में बोधि वृक्ष और अन्य बौद्ध स्तूप दर्शनीय स्थल हैं।
मुख्य आकर्षण:-
- महाबोधि मंदिर
- बोधि वृक्ष
- धर्मराजिका स्तूप
- बौद्ध मठ और मंदिर
2. नालंदा (Nalanda)

इतिहास और विवरण:-
बिहार के नालंदा प्राचीन भारत का एक प्रमुख शैक्षिक केंद्र था। यह विश्वविद्यालय 5वीं शताब्दी से लेकर 12वीं शताब्दी तक अस्तित्व में रहा और बौद्ध धर्म, दर्शन, गणित, चिकित्सा और विज्ञान में शिक्षा प्रदान करता था। इसे विश्वभर से छात्र आकर्षित करते थे। नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर अब एक प्रमुख पर्यटन स्थल हैं, जहां कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अवशेष पाए गए हैं। इसके अलावा, नालंदा में स्थित ताम्रपत्र और मूर्तियां इस स्थान के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करती हैं।
मुख्य आकर्षण:-
- नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर
- नालंदा संग्रहालय
- हंसी भवन और अन्य प्राचीन मठ
3. राजगीर (Rajgir)

इतिहास और विवरण:-
बिहार के राजगीर, भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। यह जगह गंगा के किनारे स्थित है और प्राचीन समय में मगध साम्राज्य की राजधानी थी। यहां की प्रमुख विशेषता है “राजगीर व्रज” और “गर्म जल के स्रोत”, जिनका धार्मिक महत्व है। यह स्थान विशेष रूप से बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां भगवान बुद्ध ने कई महत्वपूर्ण उपदेश दिए थे।
मुख्य आकर्षण:-
- वेणुवन
- ग्रिधराज पहाड़ी
- विश्व शांति स्तूप
- राजगीर किला
- Glass Bridge
4.शेर शाह सूरी का मकबरा- सासाराम

शेर शाह सूरी का मकबरा बिहार के सासाराम शहर में स्थित है और इसे शेर शाह सूरी ने अपने लिए बनवाया था। इसका निर्माण 1542 में शुरू हुआ और 1545 में पूरी तरह से पूरा हुआ। यह मकबरा लाल बलुआ पत्थर से बना है और आठकोणीय (आठ भुजाओं वाला) संरचना में है, जिसमें तीन मंजिल हैं। मकबरे के चारों कोनों पर छत्रियां हैं और यह एक कृत्रिम झील के बीच स्थित है, जिससे जुड़ा हुआ एक पत्थर का रास्ता है।
मकबरे की वास्तुकला इंडो-इस्लामिक शैली में है और यह दिल्ली के लोदी वंश के मकबरों से प्रेरित है। मकबरे के अंदर एक प्रार्थना कक्ष और एक विशेष किबला दीवार है, जो शानदार नक्काशी और टाइलवर्क से सजाई गई है। यह मकबरा उस समय का सबसे बड़ा मकबरा था और भारत के राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
यह स्थल शेर शाह सूरी के साम्राज्य और उसकी स्थापत्य कला का प्रतीक है और यह ऐतिहासिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है।
5. पटना (Patna)
महात्मा गांधी सेतु पटना से वैशाली जिला को जोड़ने को लिये गंगा नदी पर उत्तर-दक्षिण की दिशा में बना एक पुल है।
— Bihar_se_hai (@Bihar_se_hai) April 8, 2024
इसकी लम्बाई 5,750 मीटर है। भारत की प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने इसका उद्घाटन मई 1982 में किया था। इसका निर्माण गैमोन इंडिया लिमिटेड ने किया था
वर्तमान में यह… pic.twitter.com/R56JOAME8E
इतिहास और विवरण:-
पटना, बिहार की राजधानी, प्राचीन समय में पाटलिपुत्र के नाम से प्रसिद्ध थी और यह मौर्य और गुप्त साम्राज्य की राजधानी थी। पटना में कई ऐतिहासिक स्थल हैं, जैसे गोलघर, पटना साहिब गुरुद्वारा, महात्मा गांधी सेतु, और सिकंदरगंज का किला। यहाँ के प्रसिद्ध स्थल पटना के इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को प्रकट करते हैं। पटना साहिब गुरुद्वारा, गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म स्थल है और यह सिख धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
मुख्य आकर्षण:-
- गोलघर
- पटना साहिब गुरुद्वारा
- महात्मा गांधी सेतु
- श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल
6. वैशाली (Vaishali)

इतिहास और विवरण:-
बिहार के वैशाली का ऐतिहासिक महत्व बौद्ध धर्म और जैन धर्म से जुड़ा हुआ है। यह वह स्थल है जहां भगवान बुद्ध ने अपने अंतिम उपदेश दिए थे। वैशाली का उल्लेख जैन धर्म के ग्रंथों में भी मिलता है, क्योंकि महावीर स्वामी का जन्म यहीं हुआ था। वैशाली में स्थित अजन्ता स्तूप, बुद्ध स्तूप, और वैशाली संग्रहालय इस स्थल की महत्ता को दर्शाते हैं। वैशाली में स्थित विष्णु मंदिर भी एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।
मुख्य आकर्षण:-
- वैशाली स्तूप
- अजन्ता स्तूप
- वैशाली संग्रहालय
- महावीर मंदिर
7.भागलपुर (Bhagalpur)

इतिहास और विवरण:-
भागलपुर बिहार का एक प्रमुख शहर है, जो अपनी रेशम उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। इसे “Silk City” भी कहा जाता है। भागलपुर का ऐतिहासिक महत्व विक्रमशिला विश्वविद्यालय से जुड़ा हुआ है, जहां बौद्ध धर्म के अध्ययन के लिए महान शिक्षक और विद्वान आते थे। यहाँ की रेशम की वस्त्र उद्योग और प्राचीन स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
मुख्य आकर्षण:-
- विक्रमशिला विश्वविद्यालय के खंडहर
- भागलपुर का रेशम उद्योग
- गंगा नदी
8.मधुबनी (Madhubani)

इतिहास और विवरण:-
बिहार के मधुबनी अपनी प्रसिद्ध चित्रकला शैली “मधुबनी पेंटिंग” के लिए प्रसिद्ध है। यह कला यहां के स्थानीय लोगों द्वारा बनाई जाती है और इन चित्रों में देवी-देवताओं, प्राकृतिक दृश्यों और धार्मिक कथा का चित्रण होता है। मधुबनी में स्थित कई प्राचीन मंदिर और धार्मिक स्थल भी दर्शनीय हैं।
मुख्य आकर्षण:-
- मधुबनी पेंटिंग
- कन्हैया मंदिर
- प्राकृतिक दृश्य
9.सीतामढ़ी (Sitamarhi)

इतिहास और विवरण:-
सीतामढ़ी वह स्थान है जहां माता सीता का जन्म हुआ था। यह स्थान हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक पवित्र माना जाता है। यहाँ स्थित जनकपुरी और सीता रथ मंदिर विशेष रूप से दर्शनीय हैं।
मुख्य आकर्षण:-
- जनकपुरी
- सीता रथ मंदिर
10. सोनपुर (Sonpur)

इतिहास और विवरण:-
सोनपुर को “एशिया का सबसे बड़ा मेला” आयोजित करने के लिए प्रसिद्ध है, जिसे सोनपुर मेला कहा जाता है। यह मेला हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगता है और यहां पर हाथियों, घोड़ों, बैल और अन्य पशुओं की बिक्री होती है। सोनपुर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी है, क्योंकि यहां स्थित सोमेश्वरनाथ मंदिर धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
मुख्य आकर्षण:-
- सोनपुर मेला
निष्कर्ष
बिहार, एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के गौरवपूर्ण अतीत को प्रस्तुत करता है। यहां स्थित प्रमुख पर्यटन स्थल, जैसे बोधगया, नालंदा, राजगीर, और शेर शाह सूरी का मकबरा, न केवल राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं, बल्कि भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण पहलुओं को भी उजागर करते हैं।