बजट 2025 : बजट पर बड़ी खबर अब 12.75 लाख तक की आय पर नहीं लगेगा कोई टैक्स ! जाने कैसे ?

इस बजट 2025-26 में सरकार ने मध्यम वर्ग को टैक्स राहत दी है, साथ ही उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देने के लिए कर संरचना में बदलाव किए हैं। नई आयकर व्यवस्था के तहत ₹12 लाख तक आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जबकि उच्च आय पर टैक्स दरें बढ़ाई गई हैं। इसके अलावा, TDS सीमा को ₹6 लाख तक बढ़ाकर रिटायर लोगों और वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय राहत दी गई है। इससे उपभोक्ता खर्च और घरेलू मांग में वृद्धि की संभावना है, विशेष रूप से FMCG, ऑटोमोबाइल और रिटेल क्षेत्रों में।

बजट 2025

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को पेश किए गए बजट 2025 में घोषणा की कि ₹12 लाख तक की आय वाले व्यक्तियों को नई कर प्रणाली के तहत आयकर से मुक्ति मिलेगी।

  • ₹12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
  • ₹12.75 लाख तक की आय पर ₹75,000 का मूल छूट (सैलरी डिडक्शन) मिलने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।

नई टैक्स व्यवस्था के तहत:-

  • जिनकी आय ₹12 लाख तक है, उन्हें कोई भी आयकर नहीं देना होगा।
  • ₹12 लाख से अधिक आय वाले व्यक्तियों के लिए आय के हिसाब से विभिन्न टैक्स दरें लागू की जाएंगी:-
    • ₹0-4 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं।
    • ₹4-8 लाख तक की आय पर 5%
    • ₹8-12 लाख तक की आय पर 10%
    • ₹12-16 लाख तक की आय पर 15%
    • ₹16-20 लाख तक की आय पर 20%
    • ₹20-24 लाख तक की आय पर 25%
    • ₹24 लाख से अधिक आय पर 30% टैक्स लगेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने आज नई आयकर विधेयक को मंजूरी दे दी, जो संसद में अगले हफ्ते बजट सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। यह विधेयक 1961 के आयकर अधिनियम का स्थान लेगा और इसका उद्देश्य प्रत्यक्ष कर कानून को सरल बनाना,

मध्यम वर्ग को टैक्स में राहत

सरकार ने कर स्लैब्स में बदलाव कर मध्यम वर्ग को टैक्स में काफी राहत दी है। इसका उद्देश्य घरों की खर्च क्षमता, बचत और निवेश को बढ़ाना है।

    • इसका मुख्य उद्देश्य आय में वृद्धि करना और उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देना है।

ई टैक्स संरचना से उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा

वित्त मंत्री ने कहा कि इस नई कर संरचना से घरों की बचत और निवेश में वृद्धि होगी, जो घरेलू खर्च और उपभोक्ता मांग को बढ़ावा देगा।

  • इससे FMCG, ऑटोमोबाइल और रिटेल क्षेत्रों में वृद्धि की उम्मीद है।

नई कर प्रणाली में बदलाव

  • 75% आयकरदाताओं ने पहले ही नई कर प्रणाली को अपनाया है।
  • सरकार का अनुमान है कि आने वाले समय में शेष आयकरदाताओं को भी यह नया कर ढांचा अपनाना होगा।

कर राजस्व में वृद्धि की उम्मीद

वित्त सचिव तुहीन कांता पांडे ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में टैक्स बायुएंसी (Tax buoyancy) 1.42 रहने की उम्मीद है, जो FY25 में 2 थी।

    • उन्होंने कहा कि कर राजस्व में कमी की उम्मीद है क्योंकि कुछ राजस्व छूट (Tax Rebate) दी जा रही है।

धारा 87A में बदलाव

बजट 2025 में धारा 87A में बदलाव किया गया है। अब, विशेष दर पर कर लगाए गए आयकरदाता धारा 87A के तहत छूट का लाभ नहीं उठा पाएंगे।

  • इस बदलाव से उन करदाताओं को नुकसान होगा, जिनकी आय विशेष दरों पर करित होती है।

बजट का उपभोक्ता खर्च पर असर

    • ₹1 लाख करोड़ की प्रत्यक्ष कर छूट से उपभोक्ता खर्च में वृद्धि होगी।
    • खासकर FMCG, ऑटोमोबाइल और खुदरा क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव देखा जाएगा।
    • मध्य वर्ग और वेतनभोगी पेशेवरों के पास अधिक डिस्पोजेबल आय होगी, जो उपभोक्ता मांग को बढ़ावा देगी।

यह बजट 2025 मध्यम वर्ग के लिए राहत देने वाला और कराधान संरचना में सुधार का एक बड़ा कदम है, जो आर्थिक वृद्धि और घरेलू खपत को प्रोत्साहित करेगा।

बजट 2025-26 में TDS पर बड़ी राहत:-

  1. TDS सीमा बढ़ाई गई: वित्त मंत्री ने रेंट पर टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) की सीमा को सालाना ₹2.40 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख कर दिया।

  2. सीनियर सिटिजन्स को राहत: वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर टैक्स डिडक्शन की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख की गई, जिससे उनके कर बोझ में कमी आएगी।

  3. रिटायरमेंट के बाद वित्तीय स्थिरता: इन बदलावों से रिटायर लोग जो अपनी आय का मुख्य स्रोत ब्याज और किराया मानते हैं, उन्हें काफी राहत मिलेगी।

  4. कम किराये वाली आय वालों को लाभ: जो लोग कम किराया आय प्राप्त करते हैं, उनके लिए TDS लेन-देन में कमी आएगी, जिससे उनकी वित्तीय प्रक्रिया आसान होगी।

  5. सादगी और राहत: ये बदलाव वरिष्ठ नागरिकों और रिटायर लोगों के लिए टैक्स प्रक्रिया को सरल और कम बोझिल बनाएंगे।

 

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