इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) एक प्रकार का स्टॉक ट्रेडिंग है जिसमें निवेशक एक ही दिन के भीतर शेयर खरीदने और बेचने का कार्य करते हैं। इसका मतलब है कि आप एक ही व्यापारिक सत्र (जो कि एक दिन में होता है) में शेयरों को खरीदते और बेचते हैं, ताकि दिन के अंत तक उस पर हुए लाभ या हानि का हिसाब हो जाए। इस प्रक्रिया में निवेशक शेयरों के छोटे-छोटे मूल्य परिवर्तनों का लाभ उठाने की कोशिश करते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) की एक खास बात यह है कि इसमें खरीदारी और बिक्री दोनों एक ही दिन में होती है, और रातोंरात किसी भी प्रकार के जोखिम से बचा जाता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) कैसे काम करती है?

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) में निवेशक किसी शेयर को दिन के दौरान खरीदते हैं और उस शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव के आधार पर उसे कुछ घंटे या कुछ मिनटों में बेच देते हैं। मुख्य उद्देश्य यह होता है कि निवेशक को दिन के भीतर लाभ मिले, चाहे वह लाभ छोटा ही क्यों न हो। यह प्रक्रिया कुछ इस प्रकार से होती है:
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शेयर खरीदना: पहले निवेशक किसी स्टॉक के बारे में अध्ययन करते हैं और उसे खरीदने का निर्णय लेते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) में शेयरों का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण होता है। आमतौर पर, वे ऐसे शेयरों को चुनते हैं जिनकी कीमत में दिनभर में बहुत उतार-चढ़ाव होता है।
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शेयर बेचना: जब शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव होता है, तो निवेशक उसे बेचकर लाभ कमाने की कोशिश करते हैं। जब कीमत किसी विशेष स्तर तक बढ़ जाती है या घट जाती है, तो वे उसे बेचकर लाभ हासिल करते हैं।
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निवेश का समापन: इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) में एक दिन के भीतर सभी व्यापारों को समेटना होता है, यानी दिन के अंत तक सभी पोजीशन्स को बंद करना होता है। अगर कोई निवेशक पोजीशन को अगले दिन के लिए छोड़ता है, तो उसे “कैरी फॉरवर्ड” पोजीशन माना जाता है, जो कि इंट्राडे ट्रेडिंग का हिस्सा नहीं होता।
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें?

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) करने के लिए आपको कुछ खास कदम उठाने होंगे: –
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शेयर बाजार की समझ: सबसे पहले आपको शेयर बाजार की बुनियादी समझ होनी चाहिए। आपको यह जानना होगा कि स्टॉक्स कैसे काम करते हैं, उनके मूल्य में उतार-चढ़ाव क्यों होते हैं, और इनसे जुड़ी आर्थिक स्थितियों को कैसे समझा जाए।
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ट्रेडिंग अकाउंट खोलना: इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) करने के लिए आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है। इसे आप किसी भी ब्रोकर के माध्यम से खोल सकते हैं। इस अकाउंट को खोलते समय आपको अपने बारे में सभी जानकारी देना होती है और ब्रोकर की निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करना होता है।
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शेयर का चयन: इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) के लिए ऐसे स्टॉक्स का चयन करें जिनमें दिनभर में अच्छे उतार-चढ़ाव होते हैं। इसके लिए आपको विभिन्न तकनीकी संकेतकों का उपयोग करना होगा जैसे RSI (Relative Strength Index), MACD (Moving Average Convergence Divergence), आदि।
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बाजार के रुझान का अध्ययन: इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) में सफलता पाने के लिए आपको बाजार के रुझान (trend) का सही अध्ययन करना होगा। इसका मतलब है कि आपको यह समझना होगा कि एक शेयर ऊपर जा रहा है या नीचे, और उसके अनुसार खरीदने या बेचने का निर्णय लेना होगा।
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स्टॉप लॉस का इस्तेमाल: स्टॉप लॉस एक महत्वपूर्ण उपकरण है जिसका उपयोग आप नुकसान से बचने के लिए करते हैं। यह एक निर्धारित कीमत होती है, जब शेयर उस मूल्य तक पहुँचता है तो आपका शेयर स्वतः बिक जाता है, ताकि अधिक नुकसान न हो।
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लेवल और पंइट्स सेट करें: शेयर खरीदने से पहले आपके पास एक स्पष्ट रणनीति होनी चाहिए। आपको पहले से यह तय करना होगा कि आप किस मूल्य पर शेयर खरीदेंगे और किस मूल्य पर उसे बेचने का लक्ष्य रखेंगे। साथ ही, आपको तय करना होगा कि आपका स्टॉप लॉस क्या होगा।
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मनोवैज्ञानिक नियंत्रण रखें: इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) में मनोवैज्ञानिक स्थिति बहुत महत्वपूर्ण होती है। घबराहट और जल्दबाजी से निर्णय लेने से नुकसान हो सकता है। धैर्य बनाए रखें और अपने व्यापारिक नियमों का पालन करें।
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) के लाभ

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जल्द लाभ: इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें निवेशक को जल्दी लाभ मिल सकता है। दिन के दौरान छोटे उतार-चढ़ाव से भी फायदा उठाया जा सकता है।
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मार्जिन सुविधा: इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) में आपको अपने खाते में पूरी रकम लगाने की आवश्यकता नहीं होती। आप एक छोटे हिस्से के मार्जिन के आधार पर बड़े व्यापार कर सकते हैं। इसका मतलब है कि आप कम निवेश से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
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कोई लंबा जोखिम नहीं: चूंकि आप एक दिन के भीतर अपनी पोजीशन को समेट लेते हैं, इसलिए रातोंरात के जोखिम से बच सकते हैं, जो लंबी अवधि के निवेश में हो सकता है।
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तरलता: इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) में निवेशक अधिकतर उच्च-तरलता वाले स्टॉक्स में निवेश करते हैं, जिससे उनके लिए बाजार में प्रवेश और निकासी करना आसान होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) के नुकसान

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उच्च जोखिम: जबकि इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) में लाभ की संभावनाएं हैं, लेकिन यह बहुत जोखिमपूर्ण भी हो सकती है। शेयर की कीमतें अचानक बदल सकती हैं, जिससे निवेशक को नुकसान भी हो सकता है।
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मनोवैज्ञानिक दबाव: इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) मानसिक रूप से भी बहुत दबाव वाली होती है, क्योंकि इसमें तेजी से निर्णय लेने होते हैं। छोटी सी गलती भी भारी नुकसान का कारण बन सकती है।
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भारी शुल्क: इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) में बार-बार व्यापार करने के कारण ब्रोकर के शुल्क में वृद्धि होती है। इससे आपका मुनाफा कम हो सकता है।
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समय की कमी: इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) में निरंतर निगरानी की आवश्यकता होती है। इस प्रक्रिया में पूरे दिन को ध्यान से देखना पड़ता है, जो हर किसी के लिए संभव नहीं होता।
निष्कर्ष:-
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) एक चुनौतीपूर्ण और जोखिमपूर्ण प्रक्रिया है, लेकिन सही रणनीति और ज्ञान के साथ इसमें अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। यह एक ऐसा तरीका है जिसमें निवेशक दिन के भीतर छोटे लाभ कमा सकते हैं, लेकिन इसके साथ ही इसमें जोखिम भी अधिक होता है। इसलिए, इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) शुरू करने से पहले पूरी जानकारी और शोध करना जरूरी है, ताकि आप अपने निवेश को सही दिशा में ले जा सकें।